काम रखना चाहिए फिर चाहे वह ज्यादा पैसा कमाता हो या कम पैसा कमाता हूं सबसे कम होने का मतलब यह नहीं होता कि इंसान के पास पैसे कम है कभी ज़रूरतें कम होती है बल्कि पैसा ज्यादा होने के बावजूद भी आप भी अपनी जरूरत को कम रख सकता है आमतौर पर जिन लोगों की सैलरी कम होती है उसे हिसाब से वह एमी पर बाइक ले लेते हैं और अगर किसी की सैलरी थोड़ी ज्यादा होती है तो वह एमी पर गाड़ी या फिर घर खरीद लेता है तो यह जरूरत है खुद इंसान नहीं तो बढ़ाई है कल को अगर सोच कर देखें कि आपकी नौकरी चली गई या फिर सैलरी कम हो गई या फिर इनकम सोर्स बचा ही नहीं तो फिर बाइक या गाड़ी की ईएमआई कैसे दे पाओगे ऐसे में तो कभी-कभी लोगों को अपनी गाड़ियां बाइक भी बेचनी पड़ती है तो इंसान अपनी जरूरत तो बड़ा लेता है लेकिन जिस वजह से उसके ऊपर रिस्पांसिबिलिटी भी बढ़ जाती है तो ज्यादा जरूरत वाले इंसान होते हैं हम उन्हें फाइनेंशली प्रेग्नेंट आदमी कहते हैं अब इस बात को ध्यान से समझिएगा की ऐसा क्यों कह रहे हैं जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती है तो वह दौड़ नहीं सकती भाग नहीं सकती या कोई रिस्क वाला काम नहीं कर सकती मतलब वह फिजिकल बन जाती है इसी तरह से जब आदमी अपनी ज़रूरतें बड़ा लेता है फाइनेंशली बन जाता है और वह रिस्क नहीं ले सकता वह डर के समय जीत रहता है कि कहीं उसकी इनकम कम नाहो जाए या उसकी नौकरी ना चली जाए और यही डर धीरे-धीरे डिप्रेशन और न जाने कितनी चीजों में बदल जाता है और जब आदमी रिस्क नहीं ले पता कर नहीं पता नहीं कर सकता आप चाहे किसी भी बड़े इंसान को देख लो अगर वह इस वक्त कामयाब है तो उसने अपनी जिंदगी में रिस्क जरूरी होंगे और रिस्क लेने के दौरान वह बहुत बार फेल भी हुआ होगा लेकिन प्रेग्नेंट आदमी कभी रिस्क नहीं ले सकता क्योंकि वह खुद ही डर के समय जी रहा है और अगर उसके साथ परिवार भी है और वह परिवार का पालन पोषण कर रहा है तब तो वह बिल्कुल भी रिस्क नहीं ले सकता इसलिए हम आपको हमेशा यही सिखाते हैं कि आप जितना जरूरत है अपनी कम रखेंगे उतना ज्यादा आपको कोई जरूरत नहीं है दिखावा करने की कि आपके पास कितना पैसा है आप अक्सर सोचते हैं कि हम समाज को दिखाएंगे कि समाज देखेगा और खुश होगा लेकिन ऐसा नहीं होता बल्कि समाज को सब कुछ होता है जब आप बर्बाद होते हो जब आपकी बात पैसा नहीं बचता और आप पैसों की कीमत खेल रहे हो उसे समय समाज खुश होता है लेकिन आपकी तरक्की देखकर समाज कभी खुश नहीं होता कुछ लोगों के दिल में यह भी होता है कि वह समाज को दिखाकर
आपको कोई जरूरत नहीं है दिखावा करने की कि आपके पास कितना पैसा है आप अक्सर सोचते हैं कि हम समाज को दिखाएंगे कि समाज देखेगा और खुश होगा लेकिन ऐसा नहीं होता बल्कि समाज को सब कुछ होता है जब आप बर्बाद होते हो जब आपके पास पैसा नहीं बचता और आप पैसों की कीमत खेल रहे हो उसे समय समाज खुश होता है लेकिन आपकी तरक्की देखकर समाज कभी खुशी नहीं होता कुछ लोगों के दिल में यह भी होता है कि वह समाज को दिखाकर चलाना चाहते हैं लेकिन सोचो कि उनको जलाने के चक्कर में आप अपनी संपत्ति को क्यों चला रहे हो अपनी मेंटल पीस को क्यों खत्म कर रहे हो क्यों ऐसा दिखावा कर रहे हो जिससे आपकी फाइनेंसियल कंडीशन खराब हो जाएगी इसलिए हम हमेशा यही कहते हैं अगर आप ऐसा करते हो तो आप खुश रहोगे और कुछ कर भी पाओगे और मेंटल भी जीवन में सबसे ज्यादा जरूरी है उससे ज्यादा जरूरी कुछ भी नहीं है और अगर आपका बैंक बैलेंस जितना ज्यादा बढ़ेगा आपका मेंटल पीस उतना ही ज्यादा बढ़ता जाएगा क्योंकि आपको अपनी कल की चिंता नहीं सताएगी तो इसके लिए आपके पास इमरजेंसी फंड होना बहुत जरूरी है अगर आपके पास इमरजेंसी फंड हो तो आप इसे सुकून फंड भी कह सकते हैं तो जिस इंसान के बाद बैंक में उसके अगले 6 महीने के सर्वाइवल का खर्चा है तो मान लो कि उसके पास इमरजेंसी फंड है और अगर ऐसा नहीं है तो वह कभी सुकून से नहीं रह सकता ऐसा इंसान अगर नौकरी करेगा तो डरकर करेगा बिजनेस आएगा तो डर से काम आएगा तो दोस्तों सुकून तो तभी आएगा जब आने वाले 6 महीना तक का खर्चा आपकी बैंक में से है और इसी को इमरजेंसी फंड कहा जाता है इसके बारे में आपको थोड़ा डिटेल में बताते हैं कल को अगर कुछ इमरजेंसी आ गई तो आपके पास फंड होना चाहिए इसका मतलब अगर आपके महीने का खर्चा 50000 है तो 50 को आप 6 से मल्टिप्लाई कर दो तो आपके बैंक में 0 इसका मतलब अगर आपके महीने का खर्चा 50000 है तो 50 को अच्छे से मल्टिप्लाई कर दो तो आपके बैंक में ₹300000 पड़े होने चाहिए अगर आपके बैंक में इतना पैसा पड़ा है तो आप कुछ भी कर सकते हैं और आपकी जिंदगी आराम से कटेगी लेकिन अगर आप सोचते हैं कि आपने बहुत ज्यादा खर्च रखे हुए हैं और इतना पैसा आपके पास नहीं जुड़ पा रहा है तो आप क्या करेंगे ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि आपकी सैलरी में से हर महीने तो कुछ भी नहीं बच पाता ऐसे में कैसे आप 6 महीने का इमरजेंसी फंड इकट्ठा करेंगे तो सबसे पहले आपके दिमाग में आएगा यह तो हो ही नहीं सकता क्योंकि हर चीज में ज्यादा है गाड़ी की
ऐसे में कैसे आप 6 महीने का इमरजेंसी फंड इकट्ठा करेंगे तो सबसे पहले आपके दिमाग में आएगा यह तो हो ही नहीं सकता क्योंकि खर्ची इतनी ज्यादा है गाड़ी की मी घर की ईएमआई घर का सच और आपका दिमाग है इस बात के लिए मना कर देगा और आप इसे डालते चले जाओगे कि आप बाद में करोगे और ऐसा आप कभी कर नहीं पाओगे लेकिन अगर आप इमरजेंसी फंड इकट्ठा करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको अपने दिमाग को बेवकूफ बनाना पड़ेगा शुरुआत में आप अपने दिमाग को बेवकूफ बना और यह सोचो कि आपको सिर्फ एक महीने के इमरजेंसी फंड बनाना है और अगर आप ऐसा करना चाहते हो तो सबसे पहले एक नया बैंक अकाउंट खुलवा लो हर महीने भी अगर आप 5000 इकट्ठा करते रहोगे तो 10 महीने में आपका एक महीने का इमरजेंसी फंड इकट्ठा हो जाएगा और जैसे ही बन जाएगा तो अपने दिमाग में डाल दो की तीन महीने का फंड और बना लेते हैं यानी की 1 महीने का बन चुका है अब 2 महीने का और बना लेते हैं और अगर आप ऐसा करोगे और इसकी तरफ सोने लगोगे तो आपका दिमाग भी उसे काम को करने के लिए आपको नए-नए आईडिया देने लगेगा और आप फालतू खर्च करना भी छोड़ देंगे और आपको लगेगा कि इधर-उधर खर्च करने से तो अच्छा है आप इमरजेंसी फंड के लिए जोड़ लो और धीरे-धीरे आपका फंड इकट्ठा होता जाएगा और जैसे-जैसे 3 महीने का हो जाएगा फिर ऐसेही धीरे-धीरे करते हुए से 6 महीने पर ले आओ आपके लोग सोचते हैं कि किस-किस में पैसे इन्वेस्ट करने चाहिए और क्या-क्या चीज लेनी चाहिए तो सबसे पहले हम आपको बताना चाहते हैं कि इंश्योरेंस लेना सबसे ज्यादा जरूरी है तो सबसे पहले इन्वेस्टमेंट आपका इमरजेंसी फंड क्रिएट करना होना चाहिए ना कि कहीं और इन्वेस्ट करना और ऐसा इसलिए कर रहे हो और अचानक आपके बॉस का फोन आता है और वह आपको कहते हैं कि कल से नौकरी पर मत आना क्योंकि कंपनी लोगों को निकल रही है और अचानक से आपकी सैलरी बंद हो गई और यह कोई नई सिचुएशन नहीं है यह अक्सर लोगों के साथ होता रहता है और उसे कैसे में अगर आपके पास 6 महीने का इमरजेंसी फंड है तो काफी है क्योंकि दो-चार महीने में आपको अगली नौकरी आसानी से मिल जाएगी तब तक आपके घर का खर्चा भी आसानी से चलता रहेगा तो दोस्तों उम्मीद करते हैं कि इस वीडियो से आपको काफी कुछ सीखने को मिला होगा तो वीडियो को लाइक जरूर