सम्पूर्ण चाणक्य नीति / Chankya niti in hindi/ चाणक्य नीति slok 5



दुष्टा भार्या शठं मित्रं भृत्यश्चोत्तरदायकः ।

ससर्पे च गृहे वासो मृत्युरेव न संशयः ।।

दुष्ट स्वभाव वाली, कठोर वचन बोलने वाली, दुराचारिणी स्त्री और धूर्त, दुष्ट स्वभाव वाला मित्र, सामने बोलने वाला मुंहफट नौकर और ऐसे घर में निवास जहां सांप के होने की संभावना हो, ये सब बातें मृत्यु के समान हैं। ।।5।।

जिस घर में दुष्ट स्त्रियां होती हैं, वहां गृहस्वामी की स्थिति किसी मृतक के समान ही होती है, क्योंकि उसका कोई वश नहीं चलता और भीतर ही भीतर कुढ़ते हुए वह मृत्यु की ओर सरकता रहता है। इसी प्रकार दुष्ट स्वभाव वाला मित्र भी विश्वास के योग्य नहीं होता, न जाने कब धोखा दे दे। जो नौकर अथवा आपके अधीन काम करने वाला कर्मचारी उलटकर आपके सामने जवाब देता है, वह कभी भी आपको असहनीय हानि पहुंचा सकता है, ऐसे सेवक के साथ रहना अविश्वास के घूंट पीने के समान है। इसी प्रकार जहां सांपों का वास हो, वहां रहना भी खतरनाक है। न जाने कब सर्पदंश का शिकार होना पड़ जाए।

A wicked wife, a wicked friend, a wicked woman who speaks harsh words and is immoral. A sly, wicked friend, a blunt servant who speaks in front of you and living in a house where there is a possibility of snakes, all these things are like death. ।।5।।

In a house where there are wicked women, the condition of the householder is like that of a dead person, because he has no control and he keeps moving towards death by brooding inside. Similarly, a friend with a wicked nature is also not worthy of trust, one never knows when he will betray you. A servant or an employee working under you who answers back to you can cause you unbearable harm at any time, living with such a servant is like drinking the sip of distrust. Similarly, living in a place where snakes live is also dangerous. One never knows when one will be bitten by a snake.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Facebook
  • X (Twitter)
  • LinkedIn
  • More Networks
Copy link