10 lesson of shiv puran। How shiv puran guide us? Shiv puran l

Shiv puran   कि यह 10 बातें आपके जीवन में बहुत काम आएगी शिव पुराण का संबंध भगवान शिव और उनके अवतारों से है। इसमें शिव भक्ति शिव महिमा और शिव जी के संपूर्ण जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला गया है। साथ ही इसमें ज्ञान , मोक्ष, व्रत तप , जप आदि के फल की महिमा का वर्णन भी मिलता है । हालांकि शिव पुराण में हजारों ज्ञान और भक्ति की बातें हैं लेकिन हमने मात्र 10 को ही अपने वीडियो में शामिल किया है ।

1 wealth collection  धन संग्रह

धन संग्रह अच्छे मार्ग से धन संग्रहित करें ।और संग्रहित धन के तीन भाग करके एक भाग भी धन की वृद्धि  में यानी जिसे आपकी wealth multiple हो आप अपने कमाई के source बढ़ाओ 

और एक भाग उपभोग मै यानी consumption जिसे आपकी जरुरत खर्चे हो में और एक भाग धर्म कर्म में व्यय करें  यानी आपको अपनी कमाई का कुछ हिस्सा दान करना चाहिए इससे जीवन में सफलता मिलती है

2 renunciation of anger क्रोध का त्याग करना चाहिए

क्रोध कभी नहीं करना चाहिए और ना ही क्रोध उत्पन्न करने वाले वचन बोलने चाहिए क्रोध से विवेक नष्ट हो जाता है और विवेक के नष्ट होने से जीवन में कहीं संकट खड़े हो जाते हैं

3 renunciation of food

भोजन का त्याग शिवरात्रि व्रत करने से व्यक्ति को भोग एवं मोक्ष दोनों ही प्राप्त होते हैं और महान पुण्य की प्राप्ति होती है पुण्य कर्म से भाग्य उदय होता है और व्यक्ति सुख पाता है । जब आप व्रत रखते हों तो आप अपनी इंद्रियों के उपर जीत हासिल करते हैं।

4 संध्याकाल

सूर्यास्त तक का समय भगवान शिव का समय होता है जबकि वह अपने तीसरे नेत्र से तीनों लोकों को देख रहे होते हैं और वह अपने नंदी गणों के साथ भ्रमण कर रहे होते हैं इस समय व्यक्ति यदि कटु वचन करता है कला क्रोध करता है सहवास करता है या कोई पाप कर्म करता है तो उसका घोर अहित होता है

5 speaking truth

मनुष्य के लिए सबसे बड़ा धर्म है सत्य बोलने या सत्य का साथ देना और सबसे बड़ा अधर्म है असत्य बोलना या असत्य का साथ देना ।

6 निस्काम कर्म

कोई भी कार्य या कर्म करते वक्त व्यक्ति को खुद का साक्षी या गवाह बनना चाहिए कि वह क्या कर रहा है अच्छा या बुरा सभी के लिए वह खुद ही जिम्मेदार होता है उसे यह कभी भी नहीं सोचना चाहिए कि उसके कामों को कोई नहीं देख रहा है यदि वह अपने मन में से भाव रखेगा तो कभी भी पाप कर्म नहीं कर पाएगा मनुष्य को मन वचन और कम से पाप नहीं करना चाहिए

7 renunciation of unnecessary desires

अनावश्यक इच्छाओं का त्याग मनुष्य की इच्छाओं से बड़ा कोई दुख नहीं होता मनुष्य इच्छाओं के जाल में फंस जाता है तो अपना जीवन नष्ट कर लेता है अतः अनावश्यक इच्छाओं को त्याग देने से ही महा सुख की प्राप्ति होती है

8 renunciation of attachment

मोह का त्याग संसार में प्रत्येक मनुष्य को किसी न किसी व्यक्ति वस्तु या परिस्थिति से आसक्ति या मोह आ सकती है

यह आसक्ति या लगाव ही हमारे दुख और असफलता का कारण होता ह । निर्मोही बनाकर निष्काम कर्म करने से आनंद और सफलता की प्राप्ति होती है

9 पॉजीटिव affirmation

कल्पना ज्ञान से अधिक महत्वपूर्ण है हम जैसी कल्पना और विचार करते हैं वैसे ही हो जाते हैं सपना भी एक कल्पना है भगवान शिव ने इस आधार पर ध्यान की 112 विधियां का विकास किया है अतः हमें अच्छी कल्पना करनी चाहिए

10 be a man not animal

आदमी बनो मनुष्य में जब तक राग द्वेष मिश्रा अपमान तथा हिंसा जैसी अनेक वास्तविक प्रशन रहती है तब तक वह पशुओं का एक हिस्सा होता है पशुता से मुक्ति के लिए भक्ति और ज्ञान जरूरी है भगवान शिव के कहने का मतलब यह है कि आदमी एक अजायक घर है आदमी कुछ इस तरह का पशु है जिसमें सभी तरह के पशु और पक्षियों की प्रवृत्तियां विद्यमान है आदमी ठीक तरह से आदमी जैसा नहीं है आदमी में मन के ज्यादा सक्रिय होने के कारण ही उसे मनुष्य कहा जाता है क्योंकि वह अपने मन के अधीन ही रहता है

उसको जब आप एकांत में इन शिव पुराण की बताई 10 बातों पर चिंतन और मनन करेंगे तो उनके स्पष्ट उपयोगी अर्थ आपके समक्ष प्रकट होने लगेंगे और दोस्तों यदि यह ब्लॉग आपको पसंद आया तो इस शेयर अवश्य करें धन्यवाद

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Facebook
  • X (Twitter)
  • LinkedIn
  • More Networks
Copy link